ईजा-बोई शगुन योजना :- उत्तराखंड की राज्य सरकार हमेशा ही अपने राज्य की जनता के प्रति संवेदनशील होती है क्योंकि यहाँ की प्राकृतिक संरचना ही ऐसी है। यहाँ की प्रकृति इतनी सुन्दर है की मानो यह छोटा स्विट्ज़रलेंड हो। अगर आप उत्तराखंड की तरक्की का ग्राफ को देखें तो यह वाहन की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर निर्भर करता है। उत्तराखंड में महिलाओं को पहाड़ों की रीढ़ कहा गया है ऐसे में महिला स्वास्थ्य का महत्व और भी बढ़ जाता है। सुरक्षित प्रसव राज्य में एक बहुत ही बड़ी चुनौती है, क्योंकि प्रदेश की ज्यादातर जनता गांव में ही प्रसव कराने का समर्थन करती है जिससे शिशु एवं माता दोनों की जान को खतरा होता है।
ऐसे में उत्तराखंड की प्रदेश सरकार के द्वारा एक नयी योजना जिसका नाम ईजा-बोई शगुन योजना है, के माध्यम से प्रदेश की महिलाओं को अस्पताल में सुरक्षित प्रसव कराने के लिए प्रेरित कर रही है। Eja-Boi Shagun Scheme के अंतर्गत सरकारी अस्पतालों में जच्चा बच्चा के सुरक्षित स्वास्थ्य हेतु अस्पतालों में 48 घंटे रुकने वाली महिला को 2000 रूपये की धनराशि उपहार के रूप में भेंट की जाएगी। अगर आप भी इस योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं तो यह आर्टिकल केवल आपके लिए ही है, क्योंकि आज हम आपको अपने आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे की ईजा-बोई शगुन योजना क्या है ? तथा Eja-Boi Shagun Scheme का लाभ आपको कैसे मिलेगा, इसलिए हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़ें।
![उत्तराखंड में 'ईजा-बोई शगुन योजना”से मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को मिलेगा लाभ 1 उत्तराखंड में ईजा-बोई शगुन योजना से मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को मिलेगा लाभ](https://mcpanchkula.org/wp-content/uploads/2023/05/eeja-boee-shagun-yojana-1024x683.jpg)
ईजा-बोई शगुन योजना
उत्तराखंड में राष्ट्रीय मातृत्व दिवस प्रत्येक साल 11 अप्रैल को मनाया जाता है इस योजना के अनुसार सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा जाँच, आवश्यक देखभाल, स्वास्थ्य सहायता एवं सरकारी पहल के बारे में जागरूकता को बढ़ावा दिया जाता है। राष्ट्रीय मातृत्व दिवस के मौके पर प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार जी के द्वारा बताया गया की राज्य के विभिन्न जन स्वास्थ्य प्रयासों के उपरान्त मातृ स्वास्थ्य संभंधित अनेक प्रकार के आंकड़ों में प्रगति का रिकॉर्ड दर्ज किया गया। 2020-2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार राज्य में गर्भवती महिलाओं को प्रथम तिमाही में पंजीकृत किए जाने में लगभग 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गयी।
इनके द्वारा आगे यह भी जानकारी दी गयी की माता एवं बच्चे की स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं पर प्राथमिक फोकस बना हुआ है जिसके दृष्टिगत राज्य में महिलाओं के लिए ईजा-बोई शगुन योजना को शुरू किया गया है। इस योजना के तहत सरकारी अस्पताल में मातृ एवं शिशु के सुरक्षित स्वास्थ्य के लिए प्रसव के बाद हॉस्पिटल में 48 घंटे तक रुकने वाली सभी योग्य प्रसूताओं को 2000 रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। जोकि जननी सुरक्षा योजना के तहत दी जनि वाली राशि 1400 रूपये (ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली गर्भवती महिला) तथा 1000 रूपये (शहरी क्षेत्र में रहने वाली गर्भवती महिला) के अतिरिक्त प्रदान किया जाएगा।
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ईजा-बोई शगुन योजना का उद्देश्य
Eja-Boi Shagun Scheme का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को गर्भवस्था के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। इसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को शिशु के जन्म से पहले, जन्म के दौरान एवं जन्म के बाद में जागरूक करने और यह निति सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करने और शिशु एवं मातृ स्वास्थ्य में सुधर के उद्देश्य से इस योजना को लागू करने का फैसला लिया गया।
Eja-Boi Shagun Scheme Highlight
योजना का नाम | ईजा-बोई शगुन योजना 2023 (Eja-Boi Shagun Scheme) |
संबंधित राज्य | उत्तराखंड |
विभाग | महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तराखंड |
वर्तमान वर्ष | 2023 |
लाभार्थी | प्रसव के बाद 48 घंटों के लिए सरकारी अस्पताल में रुकने वाली गर्भवती महिलाऐं |
उद्देश्य | गर्भवती महिलाओं को गर्भवस्था के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना |
लाभ | 2000 रूपये प्रोत्साहन राशि |
आधिकारिक वेबसाइट | जल्द ही जारी की जाएगी….. |
Eja-Boi Shagun Scheme Eligibility
- गर्भवती महिला उत्तराखंड राज्य की मूल निवासी होनी चाहिए।
- महिला की उम्र न्यूनतम 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- महिला का प्रसव सरकारी अस्पताल में होना चाहिए।
- बच्चे के जन्म के बाद महिला को लगभग 48 घंटों तक अस्पताल में ही रुकना पढ़ेगा केवल तभी आपको यह लाभ मिल सकता है।
- किसी अन्य प्रदेश की महिलाऐं इस योजना के लिए आवेदन नहीं कर सकती।
ईजा-बोई शगुन योजना 2023 के लाभ एवं विशेषताएं
- ईजा-बोई शगुन योजना 2023 को उत्तराखंड की सरकार ने 9 नवम्बर उत्तराखंड स्थापना दिवस के मोके पर शुरू कर दी है।
- इस योजना के तहत सरकारी अस्पताल में प्रसव करने वाली महिलाओं को 2000 रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
- इस योजना में महिलाओं को लगभग 48 घंटों तक सरकारी अस्पताल में ही रुकना होगा केवल तभी वह इस योजना के पात्र होंगे।
- सरकार के द्वारा यह प्रयास किए जा रहे हैं की शत प्रतिशत प्रसव केवल अस्पताल में ही हों, जिससे की मातृ एवं शिशु के स्वास्थ्य का बेहतर ध्यान रखा जाए।
- उत्तरकाशी जनपद में 2022-2023 में लगभग 2758 प्रसूताएं पात्र पाई गयी।
ईजा-बोई शगुन योजना से संबंधित (FAQ)
ईजा-बोई शगुन योजना क्या है ?
इस योजना के तहत सरकारी अस्पताल में मातृ एवं शिशु के सुरक्षित स्वास्थ्य के लिए प्रसव के बाद हॉस्पिटल में 48 घंटे तक रुकने वाली सभी योग्य प्रसूताओं को 2000 रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
ईजा-बोई शगुन योजना के तहत कितनी धनराशि महिलाओं को प्रदान की जाएगी ?
ईजा-बोई शगुन योजना के तहत योग्य प्रसूताओं को 2000 रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी
क्या किसी अन्य प्रदेश की महिलाऐं ईजा-बोई शगुन योजना का लाभ ले सकती हैं ?
नहीं, अन्य प्रदेश की महिलाऐं ईजा-बोई शगुन योजना का लाभ नहीं ले सकती हैं, अन्य प्रदेश की महिलऐं अपने राज्य में चल रही योजना का लाभ ले सकती हैं।
ईजा-बोई शगुन योजना का लाभ पाने के लिए सरकार के द्वारा क्या क्या योग्यताएं रखी गयी हैं ?
ईजा-बोई शगुन योजना का लाभ पाने के लिए सरकार के द्वारा कुछ योग्यताओं को रखा गया है जैसे की,
गर्भवती महिला उत्तराखंड राज्य की मूल निवासी होनी चाहिए।
महिला की उम्र न्यूनतम 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
महिला का प्रसव सरकारी अस्पताल में होना चाहिए।
बच्चे के जन्म के बाद महिला को लगभग 48 घंटों तक अस्पताल में ही रुकना पढ़ेगा।