रसोई गैस (LPG) आजकल हर घर की जरूरत बन गई है। खाना पकाने के लिए Gas cylinder vs PNG connection का इस्तेमाल किया जाता है। दोनों ही विकल्पों के अपने फायदे और नुकसान हैं।
पैसे की बात
PNG कनेक्शन को अधिक प्रीफर किया जा रहा है क्योंकि यह एलपीजी गैस सिलेंडर की तुलना में सस्ता पड़ता है। पीएनजी, एलपीजी के मुकाबले लगभग 20 से 25% तक सस्ती होती है, जिससे यह एक किफायती विकल्प बन जाता है। दिल्ली में, 1 SCM पीएनजी की कीमत लगभग 48.59 रुपये है, जबकि एलपीजी का दाम 60-63 रुपये प्रति किलो है। इस हिसाब से, पीएनजी के साथ आप अधिक बचत कर सकते हैं।
क्या PNG गैस उपयोग करने में आसानी है ?
पीएनजी इस्तेमाल करने में आसान है क्योंकि यह 24 घंटे उपलब्ध रहती है और आपको बार-बार सिलेंडर बदलने की जरूरत नहीं पड़ती। पीएनजी के साथ सुरक्षा का एक अतिरिक्त लाभ होता है क्योंकि यह हवा से हल्की होती है और लीक होने पर भी आसानी से फैल जाती है, जिससे विस्फोट का ख़तरा कम होता है। वहीं, गैस सिलेंडर में रखी गैस हवा से भारी होती है और लीक होने पर जमीन पर रहती है, जिससे ख़तरा बढ़ जाता है।
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दोनों गैस का सालाना कितना खर्चा आएगा ?
गैस सिलेंडर लेने में एकमुश्त खर्चा आता है और फिर उसे भरवाने का खर्च। लेकिन पीएनजी में, आप सिर्फ उतना ही पैसा देते हैं जितनी गैस इस्तेमाल की हो। उदाहरण सहिते समझे –
मान लीजिए कि आप हर महीने एक गैस सिलेंडर का उपयोग करते हैं। एक सिलेंडर की कीमत ₹1000 है। तो, आप साल भर में ₹12,000 खर्च करेंगे।
वही आप PNG कनेक्शन का उपयोग करते हैं। आपकी मासिक खपत 10 घन मीटर है। PNG की कीमत ₹60 प्रति घन मीटर है। तो, आप साल भर में ₹7,200 खर्च करेंगे। इस उदाहरण में, PNG कनेक्शन ₹4,800 प्रति वर्ष सस्ता है।
निष्कर्ष
तो, अगर आपको चुनना हो तो पीएनजी एक सस्ता और सुरक्षित विकल्प है। हालांकि, अगर आपके इलाके में पाइपलाइन की सुविधा नहीं है, तो गैस सिलेंडर ही एकमात्र विकल्प बचता है।
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