भारत में रियल एस्टेट निवेशकों के लिए एक अच्छी खबर है। रिपोर्ट के अनुसार, 2036 तक भारत में अतिरिक्त 6.4 करोड़ मकानों की मांग होगी। यह मांग बढ़ती आबादी और शहरीकरण के कारण होगी। करीबन वर्ष 2018 में भारत में 2.9 करोड़ मकानों की कमी जताई गई।
ऐसे समझें
- क्रेडाई-लाइसिस फोरास की रिपोर्ट के अनुसार, 2036 तक भारत में कुल अनुमानित आवास मांग 9.3 करोड़ होगी।
- यह मांग बढ़ती आबादी और शहरीकरण के कारण होगी।
- रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि रियल एस्टेट वृद्धि की अगली तेज मांग मझोले और छोटे शहरों में होने की उम्मीद है।
आने वाले 10 सालों में भारत में प्रॉपर्टी के रेट में 20% से 30% की बढ़ोतरी हो सकती है। इस रिपोर्ट को क्रेडाई-लाइसिस फोरस ने तैयार किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती आबादी, आर्थिक विकास और निवेशकों की रुचि बढ़ने से प्रॉपर्टी के रेट में यह बढ़ोतरी होगी। आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.
रियल एस्टेट सेक्टर क्या है?
रियल एस्टेट सेक्टर वह क्षेत्र है जो भूमि और उस पर बने भवन, दुकान, कार्यालय, कार पार्किंग, आदि की खरीद, बिक्री, निर्माण, या प्रबंधन से संबंधित है। यह एक बड़ा और महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
रियल एस्टेट सेक्टर में निम्नलिखित गतिविधियाँ शामिल हैं:
- भूमि की खरीद और बिक्री: रियल एस्टेट एजेंट या डेवलपर्स भूमि की खरीद और बिक्री करते हैं।
- भवनों का निर्माण: बिल्डर्स घर, कार्यालय, दुकानें, आदि जैसे भवन बनाते हैं।
- भवनों का प्रबंधन: रियल एस्टेट प्रबंधक भवनों का प्रबंधन करते हैं, जैसे कि किराया वसूलना, मरम्मत और रखरखाव करना।
रियल एस्टेट सेक्टर कई तरह से अर्थव्यवस्था में योगदान देता है। यह रोजगार पैदा करता है, कर राजस्व उत्पन्न करता है, और शहरीकरण और विकास को बढ़ावा देता है।
रियल एस्टेट सेक्टर में डिमांड बढ़ी
भारतीय रियल एस्टेट बाजार में तेजी जारी है। क्रेडाई के अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा कि तेजी से बढ़ रही भारतीय आबादी तथा अर्थव्यवस्था के परिणामी मकानों की मांग तथा आपूर्ति में शीघ्रता आएगी।
क्रेडाई के चेयरमैन मनोज गौड़ ने कहा कि 2023 सभी रियल एस्टेट हितधारकों के लिए एक उल्लेखनीय वर्ष रहा। इसके लिए उम्मीद की गई है कि मांग 2024 तथा इसके पश्चात भी चालू ही रहेगी। उन्होंने कहा कि मझोले और छोटे शहरों में मकान कार्य में तेजी आ सकती है।
तथा प्रबंध निदेशक पंकज कपूर तथा लाइसिस फोरास के संस्थापक द्वारा बताया गया कि आज के समय में भारतीय रियल एस्टेट एक आवश्यक मोड़ पर आ गया है। सकल घरेलू उत्पाद में लगातार मांग तथा आपूर्ति में बहुत योगदान कर रहें हैं तथा 5 हजार डॉलर तक पहुँचने के लिए लक्ष्य निर्धारित किए हुए हैं।
मौजूदा वित्त वर्ष में घटा निवेश
भारतीय रियल एस्टेट बाजार में तेजी के बीच, चालू वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में रियल एस्टेट में निजी इक्विटी निवेश में 26% की गिरावट आई है। यह गिरावट वैश्विक अनिश्चितताओं और उच्च ब्याज दरों के कारण हुई है।
मुख्य बिंदु:
- चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर अवधि में रियल एस्टेट में निजी इक्विटी निवेश 2.65 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 3.6 अरब अमेरिकी डॉलर था।
- कुल निवेश में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 86% हो गई, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 79% थी।
- घरेलू निवेशकों का निवेश घटकर 36 करोड़ अमेरिकी डॉलर रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 71.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर था।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
अगर आप रियल एस्टेट में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- बाजार की स्थिति का अच्छी तरह से विश्लेषण करें।
- अपने जोखिम सहनशीलता का आकलन करें।
- एक पेशेवर सलाहकार से सलाह लें।
यदि आप पहले से ही रियल एस्टेट में निवेश कर रहे हैं, तो आपको अपने निवेशों की समीक्षा करनी चाहिए और आवश्यक समायोजन करने चाहिए।